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१८५७ डायरी: द हिडन पेजेस

Release Date: Upcoming Soon

"महर्षि दयानंद सरस्वती: स्वराज और स्वधर्म के अदृश्य महानायक"
महर्षि दयानंद सरस्वती जिन्हें लोग धार्मिक एवं सामाजिक प्रवर्त्तक के रूप में देखते हैं, बहुत कम लोग ही जानते हैं कि स्वराज्य एवं स्वधर्म के सही मायने में कोई सूत्रधार थे? तो वे महर्षि दयानंद सरस्वती ही थे। नेपथ्य में रहकर महर्षि ने एक ऐसी क्रांति को जन्म दिया, जिसकी परिणीति लाल किले पर तिरंगे के रूप में हुई। यह सब न तो इतनी सरलता से हुआ और न ही अचानक हुआ, पार्श्व में था वह साधू-समाज जिसने अपने पांडित्य और सूझ-बूझ से लोगों को एक सूत्र में पिरोकर उनका मार्गदर्शन किया। आदि शंकराचार्य की विचारधारा से प्रेरित होकर स्वामी ओमानन्द, स्वामी पूर्णानन्द, स्वामी विरजानंद एवं स्वयं महर्षि दयानंद सरस्वती ने पूरे सनातन समाज को साथ लेकर स्वतंत्रता की अलख को जगाने का काम किया। जब देश पराधीनता की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था तब महारानी विक्टोरिया ने लॉर्ड मैकाले की अंग्रेजी शिक्षा नीति को पूरे भारत में लागू कर दिया ताकि देशवासी मानसिक रूप से सदैव अंग्रेजी संस्कृति के पोषक रहें। साधू-समाज इस षड्यंत्र को भली-भांति समझ गए और उन्होंने परंपरागत भारतीय गुरुकुल शिक्षा पद्धति को जीवित रखने का संकल्प लिया। 1857 की क्रांति की योजनाएं साधू-समाज ने अन्य क्रांतिकारियों जैसे तात्या टोपे, नाना साहेब, कुँवर सिंह, लक्ष्मीबाई आदि के साथ बनाई एवं हरिद्वार में कुंभ के अवसरों का लाभ उठाकर जन साधारण के अंदर स्वतंत्रता का मंत्र फूंकने का काम किया।

कलाकार: सुश्रुत मनकानी, उल्का गुप्ता, रुद्र सोनी, गौरव शर्मा, निशिगंधा वाड लेखक व निर्देशक: उमेश भारद्वाज निर्माता: वीएनएफ फिल्म्स, उमेश भारद्वाज छायांकन निर्देशक: वी. त्यागराजन